दवाओं के नए दुष्प्रभावों की जानकारी मिलेगी

दवाओं के नए दुष्प्रभावों की जानकारी मिलेगी

भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने सभी राज्यों के औषधि नियामकों से कहा है कि वो चुनिंदा एंटीबायोटिक एवं मानसिक रोगों के इलाज में काम आने वाली एंटी-साइकियेट्रिक दवाओं के निर्माताओं को निर्देश जारी करें कि इन दवाओं के साथ इनके नए दुष्प्रभावों की जानकारी भी उपभोक्‍ताओं को दें।

स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इसका उद्देश्य चुनिंदा दवाओं के नए दुष्प्रभावों के प्रति लोगों एवं चिकित्सकों को जागरूक करना है।

इंडियन फार्माकोपिया कमीशन (आईपीसी) ने चुनिंदा दवाओं के इस्तेमाल से संबंधित दुष्प्रभावों का आकलन कर केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन को नियामकीय दखल के लिए इस बारे में रिपोर्ट दी थी। यह कदम इसी आधार पर उठाया गया है।

डीसीजीआई द्वारा भेजे गए पत्र के अनुसार सेफोटैक्साइम जैसे आम इस्तेमाल के एंटी-बायोटिक से एंजियोएडीमा, सूजन जैसे दुष्प्रभाव होते हैं। इसी तरह सेफीक्सिम के इस्तेमाल से बुखार और ल्युकोसाइटोसिस जैसे दुष्प्रभाव देखने को मिलते हैं। ओफ्लॉक्सासिन से स्टीवन्स-जॉनसन्स सिंड्रोम, शिजोफ्रेनिया के इलाज में इस्तेमाल होने वाले क्वेटियापाइन से पेशाब संबंधी दिक्कतें तथा सोडियम वालप्रोएट से मसूड़ों में हाइपरप्लेसिया जैसे दुष्प्रभाव होते हैं।

डीसीजीआई ने कहा कि दवाओं के साथ अब भी दुष्प्रभावों की जानकारी दी जाती है लेकिन इनमें नए दुष्प्रभाव भी शामिल किए जाने चाहिये।

Disclaimer: sehatraag.com पर दी गई हर जानकारी सिर्फ पाठकों के ज्ञानवर्धन के लिए है। किसी भी बीमारी या स्वास्थ्य संबंधी समस्या के इलाज के लिए कृपया अपने डॉक्टर की सलाह पर ही भरोसा करें। sehatraag.com पर प्रकाशित किसी आलेख के अाधार पर अपना इलाज खुद करने पर किसी भी नुकसान की जिम्मेदारी संबंधित व्यक्ति की ही होगी।